चाणक्य नीति :- माता-पिता भी अपना दायित्व समझें


देश 15 May 2024
post

चाणक्य नीति :- माता-पिता भी अपना दायित्व समझें

 


आशय यह है कि पंच वर्ष की अवस्था तक ही पुत्र के साथ लाड़-प्यार करना चाहिए | इसके बाद दस वर्षों तक, आर्थात प्रन्द्रह वर्ष की अवस्था तक उसे कठोर अनुशासन में रखना चाहिए | किन्तु जब पुत्र पंद्रह वर्ष की अवस्था पूरी करके सोलहवें में प्रवेश कर जाए, तो वह व्यस्क हो जाता है | फिर उसके साथ एक मित्र की तरह सम्मान का व्यवहार करना चाहिए |

चाणक्य नीति :- माता-पिता भी अपना दायित्व समझें

You might also like!




Advertisment