13 जनवरी 2025 को एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है जिसे "चंद्रमा
द्वारा मंगल का आवरण" (Lunar
Occultation of Mars) कहा जाता है। यह घटना तब घटती है जब चंद्रमा मंगल ग्रह को अपनी आकाशीय स्थिति में आकर पूरी तरह से ढक लेता है, यानी चंद्रमा मंगल के सामने आ जाता है और मंगल छिप जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
1. चंद्रमा का 'मंगल को ढकना'
जब चंद्रमा और मंगल एक ही क्षैतिज रेखा पर होते हैं और चंद्रमा मंगल के सामने आकर उसे पूरी तरह से ढक लेता है, तो इसे "आवरण"
(Occultation) कहते
हैं। इस दौरान मंगल पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा और हमें उसकी रोशनी दिखाई नहीं देगी।
यह घटना करीब चार घंटे तक चलेगी, और इसे 13 जनवरी 2025 को रात 8:44 बजे ईस्टर्न स्टैंडर्ड टाइम (EST)
से शुरू होकर, 14
जनवरी 2025 को रात 12:52 बजे EST
तक देखा जा सकेगा। यानी लगभग चार घंटे तक मंगल पूरी तरह से छिपा रहेगा।
2. क्यों यह घटना
खास है?
चंद्रमा का पूर्णिमा पर होना (वुल्फ मून): 13 जनवरी को चंद्रमा पूर्णिमा की स्थिति में होगा, जिसे "वुल्फ
मून" कहा जाता है। पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से रोशन होता है, जो इसे और अधिक ध्यान आकर्षित करता है।
मंगल का
विपक्ष (Opposition): 13
जनवरी को मंगल भी अपने "विपक्ष"
में होगा, यानी वह पृथ्वी के ठीक विपरीत दिशा में सूर्य के साथ खड़ा होगा। इस स्थिति में मंगल पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है और इसलिए वह अपने सबसे चमकीले रूप में दिखाई देता है। मंगल का आकाश में सबसे चमकीला दिखना इसे इस घटना को और भी रोमांचक बना देता है।
3. घटना के दृश्य
प्रभाव
इस खगोलीय घटना के दौरान, जो लोग अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और पश्चिमी अफ्रीका में होंगे, वे इसे देख सकते हैं। जब चंद्रमा मंगल को ढक लेगा, तो मंगल अचानक से गायब हो जाएगा और फिर चंद्रमा के पीछे से वापस दिखने लगेगा। यह दृश्य एक तरह का "अंधेरा"
या "अवशोषण" होगा
जो एक अनूठा खगोलीय अनुभव प्रदान करेगा।
4. क्यों देखना चाहिए?
इस घटना को देखना इसलिए खास है क्योंकि यह दुर्लभ है और खगोलशास्त्रियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण घटना होती है। मंगल का चंद्रमा के पीछे छिपना एक असामान्य संयोग है जो सिर्फ कुछ ही बार देखने को मिलता है।
यह घटना उस समय हो रही है जब मंगल अपने सर्वोत्तम स्थिति में है (विपक्ष),
और चंद्रमा भी अपनी पूर्णिमा की अवस्था में है, तो यह एक खगोलीय घटना है जिसे न छोड़ें।
अंत में, यदि आप इन क्षेत्रों में रहते हैं तो 13 और 14 जनवरी को इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने के लिए तैयार रहें, क्योंकि यह वाकई एक अविस्मरणीय दृश्य होगा!