गिलोय: एक जड़ी-बूटी के रूप में आयुर्वेदिक महत्व


सेहत/स्वाद 12 February 2025
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गिलोय: एक जड़ी-बूटी के रूप में आयुर्वेदिक महत्व

गिलोय (Tinospora Cordifolia) के फायदे और उपयोग

गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्राचीन काल से जानी जाती है। यह एक बेल है, जो जंगलों और झाड़ियों में पाई जाती है। इसकी पत्तियां पान के पत्तों जैसी होती हैं और इसका रंग गहरा हरा होता है। गिलोय को गुडूची, अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। यह बेल नीम के पेड़ पर चढ़ी हो तो इसे सर्वोत्तम माना जाता है, जिसे नीम गिलोय कहा जाता है।

गिलोय के फायदे इतने अधिक हैं कि हाल के वर्षों में इसकी पहचान और उपयोग बढ़ा है। गिलोय में विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जैसे गिलोइन ग्लूकोसाइड, टीनोस्पोरिन, पामेरिन, आयरन, जिंक, कैल्शियम, और मैग्नीशियम।

गिलोय के औषधीय गुण: आयुर्वेद में गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तने का उपयोग किया जाता है, लेकिन बीमारियों के इलाज में गिलोय के तने का उपयोग अधिक होता है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं, जिससे यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज, एसिडिटी, अपच, मूत्र रोगों आदि में सहायक होती है। गिलोय वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करती है और विषैले तत्वों (टॉक्सिन) को बाहर निकालने में मदद करती है।

गिलोय का सेवन कैसे करें: गिलोय का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है जैसे गिलोय सत्व, गिलोय जूस, गिलोय स्वरस या गिलोय चूर्ण। बाजार में गिलोय सत्व और गिलोय जूस आसानी से उपलब्ध हैं। गिलोय का सही सेवन मात्रा और समय के अनुसार ही किया जाना चाहिए।

गिलोय के फायदे:

  1. डायबिटीज (Diabetes): गिलोय ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है, और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
    • सेवन विधि: गिलोय जूस (2-3 चम्मच) या गिलोय चूर्ण (आधा चम्मच) सुबह खाली पेट पानी के साथ लें।
  2. डेंगू (Dengue): गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो बुखार को जल्दी ठीक करते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
    • सेवन विधि: गिलोय जूस (2-3 चम्मच) दिन में दो बार लें।
  3. अपच (Indigestion): गिलोय पाचन समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच को ठीक करने में सहायक है।
    • सेवन विधि: गिलोय चूर्ण (आधा से एक चम्मच) रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ लें।
  4. खांसी (Cough): गिलोय खांसी को ठीक करने में मदद करती है, खासतौर पर लंबे समय से चल रही खांसी में।
    • सेवन विधि: गिलोय का काढ़ा शहद के साथ दिन में दो बार लें।
  5. बुखार (Fever): गिलोय पुराने बुखार को भी ठीक करने में मदद करती है, जैसे मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के बुखार।
    • सेवन विधि: गिलोय घनवटी (1-2 टैबलेट) पानी के साथ दिन में दो बार लें।
  6. इम्युनिटी बढ़ाना (Boost Immunity): गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रामक रोगों से बचाव करती है।
    • सेवन विधि: गिलोय जूस (2-3 चम्मच) दिन में दो बार लें।
  7. पीलिया (Jaundice): गिलोय के ताजे पत्तों का रस पीलिया में फायदेमंद है, और इसके सेवन से बुखार और दर्द से राहत मिलती है।
    • सेवन विधि: गिलोय सत्व शहद के साथ दिन में दो बार लें।
  8. एनीमिया (Anemia): गिलोय खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करती है और इम्युनिटी को बढ़ाती है।
    • सेवन विधि: गिलोय जूस (2-3 चम्मच) शहद या पानी के साथ लें।
  9. त्वचा के लिए (Skin Problems): गिलोय त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कील-मुंहासे, चकत्ते आदि को ठीक करने में मदद करती है।
    • सेवन विधि: गिलोय के तने का पेस्ट त्वचा पर लगाएं।
  10. गठिया (Arthritis): गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द को कम करते हैं।
    • सेवन विधि: गिलोय जूस (2-3 चम्मच) या गिलोय का काढ़ा दिन में दो बार लें।
  11. अस्थमा (Asthma): गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अस्थमा और सांस संबंधी रोगों में राहत देते हैं।
    • सेवन विधि: गिलोय चूर्ण और मुलेठी चूर्ण का मिश्रण शहद के साथ दिन में दो बार लें।
  12. लीवर के लिए (Liver Health): गिलोय लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है और खून को साफ करती है।
    • सेवन विधि: गिलोय सत्व शहद के साथ दिन में दो बार लें।

गिलोय के नुकसान और सावधानियां: गिलोय के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। गिलोय के सेवन से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:

  1. ऑटो इम्यून बीमारियां: गिलोय के सेवन से शरीर की इम्युनिटी अधिक सक्रिय हो सकती है, जिससे ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में ऑटो इम्यून बीमारियों से पीड़ित मरीजों को गिलोय से परहेज करना चाहिए।
  2. निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure): गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करती है, इसलिए जिनका ब्लड प्रेशर पहले से ही कम है, उन्हें गिलोय से परहेज करना चाहिए। सर्जरी से पहले भी गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
  3. गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से संबंधित प्रमाण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन करें।

निष्कर्ष: गिलोय के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इसे सही मात्रा और समय पर ही लिया जाना चाहिए। अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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